मोबाइल डिवाइसेस नेटवर्क (Mobile Devices Networks ), जीएसएम (GSM )

1.  मोबाइल डिवाइसेस नेटवर्क (Mobile Devices Networks )

      ये ऐसे वायरलेस नेटवर्क हैं ,जो मुख्यतः मोबाइल फोनों  लिए उपयोग  में लाये जाते हैं। ऐसे कुछ प्रमुख नेटवर्क निम्नलिखित हैं -

1.  जीएसएम (GSM )-  इसक पूरा नाम ग्लोबल सिस्टम फॉर मोबाइल कम्युनिकेशन (Global System For Mobile Communication ) हैं।  ऐसा नेटवर्क तीन मुख्य भागो में बँटा होता हैं -बेस स्टेशन सिस्टम (Base Station System ), ऑपरेशन सिस्टम (Operation System )और सपोर्ट सिस्टम (Support System ). इस  शामिल सेल्युलर फोन इसके बेस स्टेशन से जुड़े रहते हैं ,जो उन्हें ऑपरेशन और सपोर्ट सिस्टम से जोड़ देता हैं। जब किसी को कॉल किया जाता हैं ,तो पहले बेस स्टेशन से ही कनेक्शन जुड़ता हैं ,जो बाद में उस कॉल को आवश्यकता के अनुसार ट्रांसफर करके वांछित नंबर वाले फोन से जोड़ता हैं। यह सिस्टम भारत में अधिकांश मोबाइल फोन सर्विस प्रदाता कंपनियों द्वारा अपनाया जाता हैं। 

2. पीसीएस (PCS )-    इसका पूरा नाम पर्सनल  कम्युनिकेशन सर्विस (Personal Communication Service ) हैं।  यह उत्तरी अमेरिका में मोबाइल फोनों द्वारा प्रयोग किया जाने वाला नेटवर्क सिस्टम हैं। इसमें एक निश्चित रेडियो बैंड (Radio Band ) प्रत्येक मोबाइल फोन को आवंटित  किया जाता हैं। 
3. डी -एम्प्स (D-AMPS )-  इसका पूरा नाम डिजिटल एडवांस्ड मोबाइल फोन सर्विस (Digital Advanced Mobile Phone Service ) हैं। यह पुरानी तकनीकों पर आधारित मोबाइल फोन नेटवर्क होता हैं। यह अब चलन से बाहर हो रहा हैं ,और तेजी से जीएसएम (GSM ) सिस्टम इसकी जगह ले रहा हैं। 
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2.  वायरलेस नेटवर्कों के उपयोग और दुरपयोग (Uses and Abuses Of Wireless Networks )

          वायरलेस नेटवर्कों ने दुनिया पर बहुत प्रभाव डाला हैं। सेल्युलर या मोबाइल फोन आज के समाज का अपरिहार्य भाग बन चूका हैं। इसका प्रभाव इतना व्यापक  हो गया हैं ,की लोग हर समय इन्हे अपने साथ रखते हैं। बहुत -सी आकस्मिक और संकटकालीन सेवाएँ ; जैसे - पुलिस विभाग वायरलेस नेटवर्कों के माध्यम से ही एक दूसरे के संपर्क में रहते हैं। इससे महत्वपूर्ण सूचनाएँ तेजी से पहुँच जाती हैं। व्यपारिक संसथान वायरलेस नेटवर्कों का उपयोग महत्वपूर्ण डाटा को शीघ्रता से भेजने और साझा करने में करते हैं। आज कल हर एक इंसान फोन के जरिये  एक दूसरे संपर्क में रहते हैं। 
वायरलेस नेटवर्कों का उपयोग उन क्षेत्रों के लिए वरदान सिदध हुआ हैं जहां तारों वाला नेटवर्क बनाना  या तो संभव ही नहीं हैं या बहुत महँगा पड़ता हैं।  वायरलेस नेटवर्कों  रखरखाव अत्यंत सस्ता  होने के कारण भी इसका प्रसार बढ़ा हैं।  इसमें कोई कनेक्शन लाइने न  होने के कारण उनका रखरखाव नहीं करना पड़ता और उनमे खराबी आने के कारण नेटवर्क समाप्त भी नहीं होता हैं। 
वायरलेस नेटवर्कों में कई कमियाँ भी होती हैं। इसके पुर्जो का मानकीकरण न होना एक बड़ी समस्या हैं। इसके कारण दो कंपनियों द्वारा बनाए गए एक जैसे पुर्जे भी एक दूसरे की जगह उपयोग में नहीं लाये जा सकते। वायरलेस नेटवर्क सामान्य ईथरनेट नेटवर्कों की तुलना में बहुत धीमे भी होते हैं। कई बार इनमे संपर्क बिच में ही टूट जाने की समस्या का सामना करना पड़ता हैं। वायरलेस नेटवर्क सुरक्षा की दृष्टि से बहुत सवेंदनशील होते हैं। इसमें सभी सिग्नल हवा में प्रसारित किए जाते हैं ,इसलिए किसी के ;लिए इसमें घुसपैठ करके सिगनलों की चोरी कर लेना सरल होता हैं। बहुत -सी नेटवर्क कंपनियाँ इस समस्या के समाधान के लिए वायर्ड ईक्विवैलेन्ट  प्राइवेसी (Wired Equivalent Privacy ) या वेप (WEP ) सुरक्षा सिस्टम उपलब्ध करती हैं ,परंतु यह भी घुसपैठियों से पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं। हालाँकि यह सुरक्षा तंत्र कुछ प्रकार से घुसपैठियों को नेटवर्क में घुसने से रोक देता हैं। फिर भी बहुत सी बिजनेस कंपनियाँ सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अभी भी तारों वाले नेटवर्कों को प्राथमिकता देती हैं। कुछ वायरलेस नेटवर्क कंपनियाँ अपनी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए फायरवॉल (Firewalls ) तकनीक का प्रयोग करती हैं।  वायरलेस नेटवर्को संपर्कों के कारण हमारे स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव पड़ता हैं। इससे एकाग्रता की कमी ,याददाश्त  की कमजोरी ,पागलपन और कैंसर तक की बीमारियाँ होने का खतरा रहता हैं। इस और अनेक संगठनों और व्यक्तियों द्वारा चेतावनी दी गई हैं की वायरलेस नेटवर्कों का उपयोग एक सिमित मात्रा में ही किया जाना चाहिए ,नहीं तो यह बहुत खतरनाक सिद्ध हो सकता हैं।  


3.  वायरलेस लैन (Wireless LAN ) 

      वायरलेस लैन का अर्थ हैं -वायरलेस लोकल एरिया नेटवर्क ,जो दो या अधिक कंप्यूटरों को बिना किसी तार के आपस में जोड़ने की तकनीक हैं। इस प्रकार के नेटवर्क में एक सिमित क्षेत्र में रेडियो तरंगों (Radio Waves ) पर आधारित मॉडुलेशन (Modulation ) तकनीक का प्रयोग किया जाता हैं। इससे उपयोगकर्ता उस क्षेत्र में कही भी जाने के लिए सवतंत्र होता हैं।  और इससे उसका कनेक्शन टूटता नहीं हैं।  घरेलु उपयोगकर्ताओं के लिए वायरलेस लैन अपनी सरलता और स्थान की स्वंतत्रता के कारण बहुत लोकप्रिय हो गए हैं। लैपटॉप कंप्यूटरों की अधिकता के कारण भी इसकी लोकप्रियता में वृद्धि हुई हैं.. कई बड़े व्यपारी या दुकानदार अपने ग्राहकों को वायरलेस एक्सेस की सुविधा उपलब्ध कराते हैं। बड़े वायरलेस नेटवर्क प्रोजेक्ट कई बड़े शहरों में हाँथ में लिए गए हैं।  

4.  वायरलेस लैन के लाभ (Advantages Of Wireless LAN ) 

         वायरलेस लैन की लोकप्रियता इसकी सुविधा ,काम खर्च और सरलता के कारण बढ़ रही हैं। इतना  ही नहीं वायरलेस लैन को अन्य प्रकार के नेटवर्कों से जोड़ना भी सरल हो गया हैं। आजकल सभी उपभोगता प्रत्येक कंप्यूटर को वायरलेस लैन की सुविधा से युक्त होने की आशा और मांग करते हैं।  वायरलेस लैन से  हमें निम्नलिखित लाभ होते हैं।  
  • सुविधा (Convenience ) -  वायरलेस नेटवर्क उपयोगकर्ता को किसी भी नजदीकी स्थान से उसका उपयोग करने की सुविधा देते हैं। लैपटॉप जैसे कंप्यूटर की दृष्टि से यह एक बहुत बड़ी सुविधा हैं।  

  • चलनशीलता (Mobility ) -  पब्लिक वायरलेस नेटवर्कों के जन्म से उपयोगकर्ता इंटरनेट का उपयोग अपने सामान्य कार्यक्षेत्र से बाहर भी कर सकते हैं। उदाहरण के लिए ,अधिकांश बड़े स्टोर और रेस्टॉरेंट अपने ग्राहकों को मामूली खर्च पर अथवा मुफ्त ही वायरलेस कनेक्शन जोड़ने की सुविधा देते हैं।  
  • उत्पादकता (Productivity ) -  वायरलेस नेटवर्क से जुड़े उपयोगकर्ता कही भी आते -जाते हुए भी अपने इच्छित नेटवर्क से जुड़े रहते हैं। इससे उनकी उत्पादकता बढ़ जाती हैं ,क्योंकि वे अपने कार्य किसी भी स्थान से कर सकते हैं। 

  • फैलाव (Deployment ) -  किसी वायरलेस नेटवर्क को सेट करने के लिए प्रारंभ में केवल एक एक्सेस बिंदु (Access Point ) सेट करने की आवस्यकता होती हैं। दूसरी और तारों पर आधारित नेटवर्कों में इसके सेटअप के लिए प्रत्येक लोकेशन तक तार या केबल डालने की  आवश्यकता होती हैं। इससे अतिरिक्त खर्च होता हैं। इतना ही नहीं कई स्थानों पर पहुँचना भी कठिन या असंभव हो सकता हैं। 

  • विस्तारशीलता (Expandability )-  वायरलेस नेटवर्क के उपयोगकर्ताओं की संख्या कभी भी बधाई जा सकती हैं ,और इसके लिए प्रायः कोई भी नया उपकरण लगाने या तार डालने की आवस्यकता नहीं होती ,जैसी की केबल वाले नेटवर्क में होती हैं। 

  • लागत (Cost ) -  वायरलेस नेटवर्क वाले उपकरण केबल नेटवर्क वाले उपकरणों से केवल थोड़े से अधिक मूल्य के होते हैं। लेकिन यह अतिरिक्त मूल्य केबल आदि डालने में होने वाले खर्च की बचत की तुलना में तुच्छ ही हैं ,इस प्रकार वायरलेस नेटवर्क कुल मिलाकर सस्ते होते हैं। 


5.  हानियाँ (Disadvantages ) 

           वायरलेस लैन तकनीक में सुविधा और लाभों के साथ कुछ हानियाँ भी हैं।  कई कारणों से कही -कही वायरलेस नेटवर्क को  उपयुक्त नहीं माना गया हैं। इस तकनीक में निम्लिखित कमियाँ हैं। 

  • 1.  सुरक्षा (Security ) -  वायरलेस लोकल एरिया नेटवर्क में सुरक्षा चिंता का सबसे बड़ा कारण होता हैं। इनमे प्रयोग किए जाने वाले एंटीना साधारण होते हैं ,जो रेडियो तरंगो को कठिनाई से पकड़ पाते हैं। कोई भी व्यक्ति थोड़े से बेहतर एंटीना का प्रयोग करके उस क्षेत्र से दूर रहते हुए भी उन रेडियो तरंगो को पकड़ सकता हैं ,और सारि सूचनाओं को पढ़ सकता हैं। कई कंपनियाँ इन संभावनाओं से बचने के लिए गूढ़लेखन (Encryption ) तकनीकों को अपनाती हैं ; जैसे -वाई -फाई  प्रोटेक्टेड एक्सेस (Wi -Fi Protected Access या WPA ),परंतु इससे नेटवर्क पूरी तरह सुरक्षित नहीं होता।  

  • 2. रेंज (Range ) -  सामान्य 802. 11 नेटवर्क की रेंज कुछ मीटर से अधिक नहीं होती। यह किसी घरेलू कार्य या ऑफिस के कार्य के लिए पर्याप्त हैं ,लेकिन इससे कुछ बड़े क्षेत्र के लिए अपर्याप्त होती हैं। अतिरिक्त रेंज प्राप्त करने के लिए रिपीटर (Repeaters ) या अतिरिक्त एक्सेस पॉइंट (Access Points ) लगाए जाते हैं। इससे नेटवर्क की लागत बढ़ जाती हैं। हलाँकि अधिक रेंज वाले वायरलेस लैन बनाने की तकनीक विकसित की जा रही हैं 
  • ,जैसे -वाइमैक्स (WiMAX ) ,परंतु यह अभी प्रयोगात्मक स्तर पर ही हैं। '

  • 3.  विश्वसनीयता (Reliability )- अन्य तरंगो के संप्रेषण की तरह वायरलेस नेटवर्क सिग्नल भी कई प्रकार की बाधाओं के शिकार  बन  सकते हैं , जो नेटवर्क प्रशासक के नियंत्रण से बाहर हैं।  इससे नेटवर्क की विश्वसनीयता और स्थायित्व (Stability ) खतरे में पड़ जाता हैं। 

  • 4.  गति (Speed ) - अधिकांश वायरलेस नेटवर्क कि  गति  1 से  108  मेगाबिट। सेकंड की सिमा में होती हैं। यह वायर वायरलेस नेटवर्कों की तुलना में बहुत कम हैं ,जो  100  मेगाबिट /सेकंड की गति से कार्य करते हैं। वायरलेस नेटवर्क बहुत धीमे होते हैं। फिर भी ये इंटरनेट के लिए उपयुक्त हैं।  
वायरलेस लैन की संरचना (Architecture Of Wireless LAN ) 

वायरलेस लैन की संरचना (Architecture Of Wireless LAN ) के बारे में हमने और जानकारी दी हैं। 
आप लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं। धन्यवाद। ..

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