वायरस ( Virus ), वायरस किया हैं (What is Viruses )

वायरस  ( Virus )

परिचय (Introduction ) 

         कोई कंप्यूटर  वायरस एक ऐसा प्रोग्राम होता हैं ,जो स्वयं फैला जाता हैं। ऐसे प्रोग्रम कंप्यूटर के उपयोकर्ता की जानकारी के बिना उसके कंप्यूटर  आ जाती हैं ,और प्रयः उसकी फाइलों (डाटा ,प्रोग्राम आदि )को खराब कर देते हैं।  कोई वायरस ऐसे भी  हैं , जो हमारी फाइलों को कोई हानि नहीं पहुँचाते ,परन्तु हमें परेशान करने के लिए हमारे कंप्यूटर में आ जाते हैं।  
वायरस (Virus ) शब्द ऐसे प्रोग्रामों की बायलॉजी से संबंधित कीटाणुओं से समानता होने के कारण लिया गया हैं।  इस शब्द का प्रयोग सभी प्रकार के शरारतपूर्ण सॉफ्टवेयर के लिए किया जाता हैं।  जिन्हे मालवेयर (Malware ) भी कहा जाता हैं।  इनमे वॉर्म (Worm ) तथा ट्रोजन (Trojan) शामिल हैं।  


1.  जैविकीय वायरसों से तुलना (Comparison With Biological Viruses )

        कंप्यूटर वायरस जैविक कीटाणुओं की तरह ही वयवहार  करते हैं। उदहारण के लिए ,जिस तरह बिमारियों के कीटाणु प्राणियों के शरीर में आ जाते हैं , उसी तरह कंप्यूटर  वायरस भी कंप्यूटर में घुस आते हैं।  इसलिए कंप्यूटर वायरस आ जाने की किर्या को इंफेक्शन (Infection) कहा जाता हैं। 
 कोई कंप्यूटर वायरस एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में ठीक उसी तरह फैल जाता हैं।  जिस तरह जैविक कीटाणु एक वयक्ति से दूसरे वयक्ति के शरीर घुस जातें हैं। उदहारण के लिए ,विशेषज्ञों का अनुमान हैं की माईडूम (Mydoom ) नामक वायरस जनवरी 2004 में एक  ही दिन में ढाई लाख कंप्यूटरों में फेल गया था। दूसरा उदहारण आई लव यू (I Love You ) वायरस का हैं। जो सन  2000  में आया था और ई -मेल  (E -Mail ) द्वारा फैला था। इस वायरस के कारण अनेक कंपनियों को अपने ई -मेल  (E -Mail )  सिस्टमों को तब तक बंद कर देना पड़ा था ,जब तक की इसका इलाज नहीं कर दिया गया। 


2.  वायरसों का वर्गीकरण (Classification of Viruses )
   
        कम्प्यूटर  वायरसों को उनकी प्रकृति के अनुसार कई श्रेणियों में बांटा गया हैं। इनमे से कुछ प्रमुख श्रेणियाँ निम्नलिखित हैं - 

 बूट सेक्टर वायरस (Boot Sector Virus )
 कंपैनियन वायरस (Companion Virus ) 
 ई -मेल वायरस (E -Mail Virus )
 लॉजिक बम (Logic Bomb)और टाइम बम (Time Bomb )
 मैक्रो वायरस (Macro Virus )
 टॉर्जन हॉर्स (Torjan Hors )
 वॉर्म (Worm )
इन वायरसों के परिचय निचे दिया गया हैं -

3.  बूट सेक्टर वायरस (Boot Sector Virus )

      यह वायरस होता हैं जो किसी फ्लॉपी डिस्क या हार्ड डिस्क के बूट सेक्टर में घुस जाता हैं ,और उसे बदल देता हैं।  बूट सेक्टर किसी बूट करने वाली फ्लॉपी डिस्क या हार्ड डिस्क का पहला सेक्टर होता हैं। बूट सेक्टर वायरस सन 1980 के दशक में बहुत प्रचलित थे ,क्योंकि तब पर्स्नल कंप्यूटरों के प्रयः फ्लॉपी डिस्क से ही बूट किया जाता था।  अब ऐसे वायरस प्रायः समाप्त हो गए हैं।  
 

4.  कंपैनियन वायरस (Companion Virus ) 
    
          इस प्रकार का वायरस किसी फाइल में नहीं घुसता ,बल्कि एमएस -डॉस (MS dons ) की कुछ विशेष्ताओं का दुरूपयोग करके कंप्यूटर में घुस जाता हैं। कंपैनियन वायरस सामान्यता हमारी सही
.EXE  फाइलों के नाम से ही एक नई फाइल बना लेता हैं ,और उसका विस्तार भाग  .COM  रख देता हैं।  जब कोई उपयोगकर्ता अपनी प्रोग्राम फाइल को चलाने के लिए आदेश टाइप करता हैं ,तो यदि वह विस्तार भाग नहीं देता। तो एमएस -डॉस (MS dons )  वर्णमाला के क्रम में पहले आने वाली फाइल को पालित कर देता हैं। क्योंकि  .COM वर्णमाला के क्रम में EXE  से पहले आता हैं , इसलिए सही EXE फाइल के स्थान पर वायरस फैल चूका होता हैं और नुकशान करा चूका होता हैं।  
इस श्रेणी के कुछ वायरस पाथ कंपैनियन वायरस (Path Companion Viruses ) होते हैं। ये वायरस डायरेक्टी के पथ में मूल सही फाइल से पहले ही ठीक उसी नाम से आकर बैठ जाते हैं।  इससे सही फाइल की जगह वायरस वाली फाइल पालित हो जाती हैं। 
कई कंपैनियन वायरस विंडोज 95 ,विंडोज 98 और विंडोज एन्टी के साथ भी फैल जाते थे , क्योंकि उनमे डॉंस प्रॉम्प्ट का उपयोग किया जाता था। लेकिन विंडोज एक्सपी के साथ यह समस्या समाप्त हो गई हैं ,क्योंकि इसमें एमएस -डॉस (MS dons )कमांड प्रॉम्प्ट का उपयोग नहीं किया जाता हैं। 



5.  ई -मेल वायरस (E -Mail Virus )
 
          ये ऐसे वायरस हैं जो ई -मेल के माध्यम से फैलते हैं। आजकल ई -मेल का उपयोग बहुत किया जाता हैं ,इसलिए ऐसे वायरसों के फैलने के अवसर भी अधिक होते हैं। ऐसे वायरस प्रायः किसी उपयोगकर्ता की एड्रैस बुक से उसके मित्रों के ई -मेल एड्रैस चुराकर उनके कंप्यूटरों में ई -मेल के रूप में वायरस पहुँच जाता हैं। जब वे प्राप्तकर्ता उस ई -मेल को खोलते हैं ,तो वह पुरे कंप्यूटर में फैल जाता हैं। इस प्रकार यह बहुत तेजी से फैलता हैं।  




6.  लॉजिक बम (Logic Bomb) 

            ये ऐसे वायरस हैं जो किसी तार्किक परिस्थिति (Logic Condition )के उत्पन्न होने तक शांत रहते हैं ,और जैसे ही वह शर्त पूरी हो जाती हैं , सक्रिय हो जाते हैं। सामान्यतया ये कोई विशेष आदेश जारी कर देते हैं। जैसे उपयोगकर्ता को कोई संदेस भेज देना अथवा किसी फाइल को गायब कर देना। कुछ लॉजिक बम ऐसे होते हैं ,जो एक निश्चित संख्या तक कंप्यूटरों को प्रभावित कर देने पर सक्रिय होते हैं। 


7.  टाइम बम (Time Bomb )

          ये लॉजिक बम की एक श्रेणी के वायरस होते हैं ,जो किसी विशेष दिन या समय पर ही सक्रिय होते हैं। उदाहरण के लिए Friday 13 एक ऐसा वायरस  था , जो किसी भी माह की 13 तारीख को शुक्रवार पड़ने पर सक्रिय हो जाता था। शेष दिनों में यह निष्क्रय पड़ा रहता था 

8.  मैक्रो वायरस (Macro Virus )

        ये ऐसा वायरस होते हैं जो किसी प्रोग्रामिंग भाषा ; जैसे -माइक्रोसॉफ्ट की स्क्रिप्ट लैंग्वेज 
(Script Language ) में लिखे जाते हैं और उनके दस्तावेजों ; जैसे -वर्ड दस्तावेज या एक्सेल वर्कबुक के साथ फैल जाते हैं ,और सक्रिय हो जाते हैं। 




9.  टॉर्जन हॉर्स (Torjan Hors )

         ये ऐसे प्रोग्राम होते हैं जो दावा तो यह करते हैं की आपका कोई वांछित कार्य कर रहे हैं ,परंतु वास्तव में चुपके से आपको हानि पहुँचाने के लिए बहुत कुछ कर रहे होते हैं ;जैसे -फाइलों को गायब कर देना या डाटा बदल देना। ये हमारी किसी फाइल को कोड में नहीं घुसते ,बल्कि पुरे रूप में अनजाने में ही हमारी गलती से आ जाते हैं। ये हमारे कंप्यूटर में आकर हमारा पासवर्ड  चुरा सकते हैं और किसी को भेज सकते हैं। टॉर्जन हॉर्स  को हालाँकि वायरस मन जाता हैं ,परंतु ये अन्य वायरसों से इस प्रकार भिन्न होते हैं की ये अपने आप नहीं फैल सकते। वास्तव में ,हम स्वयं ही इनको आमंत्रित करते 
हैं :जैसे - किसी ई -मेल के साथ आये अटैचमेंट को खोलकर या इंटरनेट से डाउनलोड करके किसी अनजाने सॉफ्टवेयर को पालित करके।  




 10.  वॉर्म (Worm )

          ये ऐसे वायरस होते हैं ,जो कंप्यूटर नेटवर्को का उपयोग करके फैल जाते हैं। ये कंप्यूटर नेटवर्क की सुरक्षा में छिद्रो का पता लगाते हैं और फिर उनका उपयोग करके नेटवर्क के किसी भी कंप्यूटर में घुस जाते हैं। वहाँ से वे फिर अन्य जगह पर फैल जाते हैं। ये भी मैक्रो के रूप में होते हैं और फैलने के लिए भी किसी होस्ट फाइल का उपयोग करते हैं ;जैसे -कोई वर्ड दस्तावेज या स्प्रैडशीट फाइल। जहाँ -जहां वह दस्तावेज फाइल जाती हैं ,वही ये भी पहुँच जाते हैं। 'माई डूम ' और 'आई लव यु ' ऐसे ही दो वॉर्म वायरस थे।  




आप वायरस के बारे और भी जानकारी हमने दी हुई दूसरे पेज पर आप वहां से देख सकते हैं। 
हमारी पोस्ट पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद। .. 



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