वायरलेस नेटवर्किंग (Wireless Networking ),रेडियो तरंगों (Radio Waves)
वायरलेस नेटवर्किंग (Wireless Networking )
कंप्यूटर नेटवर्क के क्षेत्र में इनका प्रयोग सामान्यतया लैपटॉप कंप्यूटरों के लिए किया जाता हैं। लैपटॉप कंप्यूटर क्योकिं एक जगह स्थिर नहीं रहते ,इसलिए तारों का उपयोग करने वाली नेटवर्क तकनीक का प्रयोग उनका नेटवर्क बनाने में नहीं किया जा सकता हैं। इसलिए कंप्यूटर के क्षेत्र में वायरलेस नेटवर्किंग महत्व तेजी बढ़ रहा हैं। क्योकि लैपटॉप कंप्यूटरों की संख्या बढ़ती जा रही हैं।
आप हमारे पिछले में जाकर देख सकते हैं की हमने वहां पर कंप्यूटर नेटवर्क और उनकी विभिन्न सरंचनाओं के बारे में बताया हैं। वे सामान्यता ऐसे नेटवर्कों के लिए महत्वपूर्ण होती हैं ,जो केबलों द्वारा बनाए जाते हैं ,अर्थात ऐसे नेटवर्क जिनके कंप्यूटर आपस में किसी केबल या तारों द्वारा जुड़ें होते हैं। लेकिन कई ऐसे नेटवर्क भी होते हैं ,जिनमे कंप्यूटरों को जोड़ने के लिए तारों या केबलों की अवस्य्क्ता नहीं होती हैं। ऐसे नेटवर्क को वायरलेस नेटवर्क खा जाता हैं। इस पोस्ट में आप वायरलेस नेटवर्किंग के बारे में पढेंगे।
1. परिचय (Introduction )
वायरलेस नेटवर्क कंप्यूटर के ऐसे नेटवर्क हैं ,जिनमे दो कंप्यूटरों को जोड़ने के लिए किसी तार की आश्यकता नहीं होती। वायरलेस नेटवर्क बिना तार के डाटा को एक स्थान से दूसरे स्थान को प्रेषित करने के लिए रेडियों तरंगो (Radio Waves ) का उपयोग करते हैं। इनका प्रयोग पहले से किया जा रहा हैं।
वायरलेस नेटवर्क कोई ऐसा कंप्यूटर नेटवर्क हैं ,जिसमे कॉम्प[कंप्यूटरों को आपस में जोड़ने के लिए तारों
(Wires )
का प्रयोग नहीं किया गया हो। इस प्रकार वायरलेस नेटवर्किंग टेलीकम्युनिकेशन नेटवर्क की वह तकनीक हैं ,जिसमे किसी तार का प्रयोग किए बिना नोङो को आपस में जोड़ा जाता हैं। वायरलेस नेटवर्किंग तकनीक का प्रयोग मुख्यतः मोबाईल फोनो के संदर्भ में किया जाता हैं। चित्र में एक वायरलेस नेटवर्क दिखाया गया हैं।
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वायरलेस नेटवर्किंग (Wireless Networking ) |
कंप्यूटर नेटवर्क के क्षेत्र में इनका प्रयोग सामान्यतया लैपटॉप कंप्यूटरों के लिए किया जाता हैं। लैपटॉप कंप्यूटर क्योकिं एक जगह स्थिर नहीं रहते ,इसलिए तारों का उपयोग करने वाली नेटवर्क तकनीक का प्रयोग उनका नेटवर्क बनाने में नहीं किया जा सकता हैं। इसलिए कंप्यूटर के क्षेत्र में वायरलेस नेटवर्किंग महत्व तेजी बढ़ रहा हैं। क्योकि लैपटॉप कंप्यूटरों की संख्या बढ़ती जा रही हैं।
2. रेडियो तरंगों (Radio Waves)
रेडियो तरंगें तब उत्पन्न होती हैं ,जब विद्युत से पूर्ण पिंड (Particles ) एक ऐसी बारंबारता से गति करते हैं ,जो इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वर्णक्रम (Spectrum )की रेडियो बारंबारता (Radio Frequency ) की रेंज में आती हैं। जो किरणे रेडियो बारंबारता के वर्णक्रम से बाहर होती हैं वे हैं -एक्स -रे ,गामा किरणें तथा इंफ्रारेड और अल्ट्रावायलेट प्रकाश किरणें। जब कोई रेडियो तरंग किसी ताँबे के तार या अन्य विद्युत सुचालक उपकरण से होकर गुजरती हैं ,तो यह एक चलायमान विद्युत चार्ज या वोल्टेज उत्पन्न करती हैं। जिसे किसी ध्वनि
(Audio ) या डाटा सिग्नल में बदला जा सकता हैं। रेडियो तरंगों को गणितीय दृष्टि से एक ज्या वक्र (Sine Curve )के रूप में दिखाया जा सकता हैं ,जैसाकि दिए गए चित्र में दिखाया गया हैं।
किसी पूर्ण ज्या तरंग अथवा साइकिल (Cycle ) दवारा तय की गई दुरी को उसकी तरंग दैध्र्य (Wave Length )
कहा जाता हैं। तरंग की ऊँचाई को आयाम (Amplitude ) कहा जाता हैं। एक सेकंड के समय में साइकिलों की संख्या को तरंग की बारंबारता (Frequency ) कहा जाता हैं। बारंबारता को हर्ट्ज (HertZ या Hz ) में नापा जाता हैं और इसे साइकिल प्रति सेकंड भी कहा जाता हैं। किसी सी० पी० यू० गति को भी हर्ट्ज में नापा जाता हैं।
उदहारण के लिए ,यदि आपके कंप्यूटर की गति गीगाहर्ट्ज (1 GHz ) हैं ,तो इसका अर्थ हैं की आपकी
सी० पी० यू० की क्लॉक प्रति सेकंड एक अरब (1 बिलियन )साइकिल की गति से सिग्नल उत्पन्न करती हैं।
बारंबारता को मापने के लिए निम्नलिखित इकाइयाँ उपयोग में लाई जाती हैं -
- 1 Kilohertz (KHz ) = 1000 Hz
- 1 Megahertz (MHz ) = 1000 KHz
- 1 Gigahertz (GHz ) = 1000 MHz
वायरलेस नेटवर्क कई प्रकार की रेडियो बारंबारताओं का उपयोग करते हैं। निचे की सूचि में कुछ प्रचलित वायरलेस नेटवर्क प्रोटोकॉलों और उनके द्वारा उपयोग की जाने वाली वाली बारंबारता दी गई हैं -
बारंबारता की रेंज वायरलेस नेटवर्क
- 2. 45 GHz Bluetooth
- 2.4 to 2.483 GHz 802. 11
- 5. 18 to 5. 805 GHz 802. 11 a
- 1. 2276 &1. 57542 GHz GPS
3. वायरलेस नेटवर्कों के भेद (Kinds of Wireless Networks)
वायरलेस नेटवर्क मुख्य रूप से निम्न प्रकार के होते हैं -
- वायरलेस पैन (Wireless PAN )
- वायरलेस लैन (Wireless LAN )
- वायरलेस मैन (Wireless MAN )
1. वायरलेस पैन (Wireless PAN )
इसका पूरा नाम वायरलेस पर्सनल एरिया नेटवर्क (Wireless Personal Area Network ) हैं। यह ऐसा
वायरलेस नेटवर्क होता हैं जो एक छोटे से क्षेत्र में कार्य करता हैं। जो एक व्यक्ति की पहुँच में हो। उदाहरण के लिए ,किसी कमरे के अंदर बना हुआ वायरलेस नेटवर्क। इस प्रकार के नेटवर्क में प्रयः ब्लूटूथ (Bluetooth ) या जिगबी
(Zig Bee )तकनीकों का प्रयोग किया जाता हैं।
2. वायरलेस लैन (Wireless LAN )
इसका पूरा नाम वायरलेस लोकल एरिया नेटवर्क (Wireless Local Area Network ) हैं। यह ऐसा नेटवर्क होता हैं ,जिसमे अन्य वायरलेस नेटवर्कों की तरह किसी तार का प्रयोग नहीं किया जाता ,बल्कि रेडियो सिग्नलों का प्रयोग करके दो कंप्यूटरों के बिच संपर्क बनाया जाता हैं ,भले ही वे कितने भी पास -पास क्यों न रखे हो। वायरलेस लैनों को IEEE 802. 11 श्रृंख्ला द्वारा मानकीकृत किया गया हैं। इसके अंतर्गत Wi- Fi तकनीक का प्रयोग मुख्य रूप से किया जाता हैं। इसलिए ऐसे नेटवर्कों को वाई -फाई नेटवर्क (wi -fi Network ) भी कहा जाता हैं। इस तकनीक के द्वारा किसी भी कंप्यूटर या मशीन ,जिसमे वाई -फाई सुविधा हो ,को इंटरनेट (Internet )या अन्य मशीनों द्वारा जोड़ा जा सकता हैं। इन नेटवर्को द्वारा ऐसी रेडियो तरंगें प्रसारित की जाती हैं ,जिनको कोई भी वाई -फाई रिसीवर पकड़ सकता हैं ,जो विभिन्न कंप्यूटरों या मोबाइल फोनो से जुड़ा हो। वायरलेस लैन के बारे में आगे विस्तार से बताया गया हैं।
3. वायरलेस मैन (Wireless MAN )
इसका पूरा नाम वायरलेस मैट्रोपोलिटन एरिया नेटवर्क (Wireless Metropolitan Area Network )हैं।
इसके अंतर्गत कई वायरलेस लैनों को आपस में जोड़कर एक बड़ा वायरलेस नेटवर्क बनाया जाता हैं ,जो किसी पुरे शहर या बड़े क्षेत्र में कार्य करता हैं। ऐसे नेटवर्क सामान्यता WiMAX तकनीक का प्रयोग कियका जाता हैं ,जो
IEEE 802. 16 मानक द्वारा संचालित और नियंत्रित होती हैं।
वायरलेस नेटवर्किंग में हमने और बोहोत सारि जानकारी दी हुयी हैं। जिसे आप दिए गए मोबाइल डिवाइसेस नेटवर्क (Mobile Devices Networks ) पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं इसी में हमने वायरलेस लैन (Wireless LAN )वायरलेस मैन (Wireless MAN ) आदि के बारे में orजानकारी दी हुयी हैं। धन्यवाद
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