वायरस किया कर सकता हैं ?(What a Virus Can Do?),लोग कंप्यूटर वायरस क्यों बनाते हैं ?(Why People Create a Computer Virus?)

1. कंप्यूटर वायरसों के प्रभाव (Effects of Computer Viruses)

कुछ वायरस इस प्रकार तैयार किए जाते हैं ,की वे आपके प्रोग्राम को खराब करके ,फाइलों को गायब करके या हार्ड डिस्क को फिर से फॉर्मेट करके आपके कंप्यूटर को हानि पहुँचाते हैं।  अन्य बहुत से वायरस ऐसा कोई नुकसान तो नहीं करते ,परंतु नकल कर -करके अपनी संख्या बढ़ा लेते हैं। ऐसा वायरस कोई फालतू पाठ्य य वीडियो या ऑडियो देकर अपनी उपस्थित का अनुभव कराते हैं।  यर अहानिकारक लगने वाले वायरस भी कंप्यूटर उपयोगकर्ता के लिए समस्या पैदा कर देते हैं।  सबसे पहले तो वे कंप्यूटर की मैमोरी का एक बड़ा भाग घेर लेते हैं ,जिसका उपयोग आपके प्रोग्राम द्वारा किया जाना चाहिए। इसके परिणामस्वरूप कंप्यूटर बहुत धीमा हो जाता हैं ,गलत वयवहार करने लगता हैं। और सिस्टम लगभग ठप हो जाता हैं। इसके अतिरिक्त बहुत -से वायरस प्रोग्राम में बग पैदा कर देते हैं और उन बगों के कारण सिस्टम क्रैश हो जाता हैं तथा डाटा नष्ट हो जाता हैं। 



2. वायरस किया कर सकता हैं ?(What a Virus Can Do?)

          इस प्रकार कोई वायरस आपको अनेक प्रकार से हानि पहुँचा सकता हैं ,जैसे - 
  • यह आपकी फाइलों को नष्ट या खराब कर सकता हैं।  
  • यह आपके कंप्यूटर की गति को बहुत धीमा कर सकता हैं। 
  • यह आपके कंप्यूटर को कार्य करते -करते ठप कर सकता हैं। 
  • यदि किसी फाइल का आकार बढ़ा सकता हैं और मैमोरी का बड़ा भाग घेर सकता हैं 
  • यह कंप्यूटर को बूट होने में लगने वाला समय बढ़ा सकता हैं। 
  • यह आपके मॉनिटर से गलत कार्य करा सकता हैं। 
  • यह अवांछित सीटी ,आवाज ,संगीत आदि उत्पन्न कर सकता हैं। 
  • यह प्रोग्राम के कार्य के समय गलतियाँ उत्पन्न कर सकता हैं। 


3. लोग कंप्यूटर वायरस क्यों बनाते हैं ?(Why People Create a Computer Virus?)

         जैविक कीटाणुओं के विपरीत कंप्यूटर वायरस अपने आप उत्पन्न नहीं होते। कंप्यूटर वायरस अचानक भी उत्पन्न नहीं होते और न ये किसी प्रोग्राम में किसी बग (छिद्र ) के कारण पैदा होते हैं। वास्तव में ,ये प्रोग्रामरों द्वारा अथवा वायरस तैयार करने वाले सॉफ्टवेयरो के उपयोगकर्ताओं द्वारा जानबूझकर बनाए जाते हैं। कोई कंप्यूटर वायरस केवल वही कर सकता हैं जिसे करने के लिए उसको प्रोग्राम किया गया हैं। 
वायरस लिखने वाले लोगो द्वारा इनको बनाने और फैलाने के कई कारण या उददेश्य हो सकते हैं। बहुत -से वायरस किसी रिसर्च प्रोजेक्ट ,खेल ,शरारत ,तोड़फोड़ ,आतंक या आक्रमण के रूप में भी बनाए जाते हैं। इनके अलावा प्रतिद्वंद्वी कंपनियाँ द्वारा किसी कंपनी के उत्पाद को बिगाड़ने के लिए,किसी राजनैतिक संदेश को फैलाने के लिए ,पहचान चुराकर वित्तीय लाभ कमाने के लिए ,जासूसी करने के लिए और संदेशों को बिच में चुराने के लिए भी वायरस छोड़े जा सकते हैं। वायरस बनाने वाले बहुत -से लोग इस कार्य को एक कला मानते हैं और इसे एक रचनात्मक शौक के रूप में लेते हैं। इसके अतिरिक्त बहुत से वायरस लेखक जानबूझकर हानि पहुँचाने वाले वायरसों को बनाने का विरोध करते हैं। कई वायरस अच्छे वायरसों के रूप में भी जाने जाते हैं। जो अन्य वायरसों को पहचानकर नष्ट कर देते हैं और आपके कंप्यूटर की कार्यक्षमता बढ़ा देते हैं, लेकिन ऐसे वायरस बहुत  काम होते हैं। ये वायरस चाहें कितने भी हानिरहित क्यों न हो ,आपकी मैमोरी और सीपीयू के समय का एक भाग घेर लेते हैं और गलती से सिस्टम को ख़राब भी कर सकते हैं। कभी -कभी ऐसे ' मित्र ' वायरस अन्य ' सत्रु ' वायरसों को फैलाने का माध्यम भी बन जाते हैं।  कोई ख़राब लिखा हुआ अच्छा वायरस स्वयं एक हानिकारक वायरस के रूप में बदल  हैं। उदाहरण के लिए , ऐसा वायरस किसी सिस्टम फाइल को गलत समझकर उसे हटा सकता हैं।  सबसे बड़ी बात यह हैं की सभी प्रकार के वायरस कंप्यूटर के उपयोगकर्ता की अनुमति और जानकारी के बिना ही कंप्यूटर में घुस आते हैं। स्वयं बढ़ जाने वाले वायरस बहुत -सी जटिलताएँ उत्पन्न कर  देते हैं और किसी भी हालत में वे एक सही प्रोग्राम का स्थान नहीं ले सकते। इसलिए सभी प्रकार के वायरसों से बचना ही अच्छा रहता हैं। वैसे कंप्यूटर वायरस जारी करना भी अधिकांश नाम प्रणालियों में एक अपराध हैं।   


4. वायरसों से सुरक्षा के उपाय (Precautions For Safety Against Viruses)

         हम कुछ सावधानियाँ रखकर अपने कंप्यूटर सिस्टम को वायरसों के आक्रमण से बचा सकते हैं। ऐसी कुछ महत्वपूर्ण सावधानियाँ या उपाय निम्न प्रकार हैं -
  • किसी अज्ञात स्त्रोत की सीडी या फ्लॉपी का उपयोग कभी मत कीजिए।  
  • किसी बाहरी फ्लॉपी या सीडी को अपने कंप्यूटर में लगाने से पहले उसे किसी एंटी -वायरस सॉफ्टवेयर से स्केन कर लीजिए। उसका उपयोग तभी कीजिए ,जब वह पूरी तरह  मुक्त हो। 
  • अपने कंप्यूटर में चोरी किया हुआ सॉफ्टवेयर उपयोग में मत लाइए। संगीत सीडी और गेम सीडी वायरस फैलाने के सबसे बड़े साधन हैं। 
5. एंटी -वायरस सॉफ्टवेयर (Anti -Virus Software)

       एंटीवायरस सॉफ्टवेयर ऐसे  कंप्यूटर प्रोग्राम हैं ,जो आपके कंप्यूटर में वायरसों तथा अन्य शरारतपूर्ण सॉफ्टवेयरो को पहचानने , खंडित करने तथा हटाने की कोशिश करते हैं। ऐसे अनेक सॉफ्टवेयर बाजार में उपलब्ध हैं , जो हर प्रकार के नए -पुराने वायरसों से प्रभावित कंप्यूटर का इलाज करते हैं।  कुछ एंटीवायरस सॉफ्टवेयर डिस्क ड्राइवरों की फाइलों को स्केन करके उसमें वायरसों के हस्ताक्षर (Signatures) खोजने की कोशिश करते हैं।  कई एंटीवायरस सॉफ्टवेयर खुली हुई फाइलों ,भेजी गई और प्राप्त हुई हैं -मेलों को इसी प्रकार स्केन करते हैं। इस विधि को ऑन -एक्सेस स्केनिंग कहा जाता हैं।  सभी प्रकार के एंटीवायरस सॉफ्टवेयर को लगातार अपडेट करने की आव्सय्कता होती हैं ,ताकि वे नवीनतम वायरस आक्रमणों के बारे ज्ञान बढ़ा सके।   हम अपनी डाटा फाइलों और ऑपरेटिंग सिस्टम बैकअप लेकर वायरसो द्वारा की जाने वाली हानि को बचा  सकते हैं। ऐसे बैकअप को सिस्टम में अलग करके रखना चाहिए अथवा उनको केवल पढ़ने के लिए चिन्हीत  चाहिए। इस प्रकार करने से यदि वायरस के कारण डाटा नष्ट हो जाता हैं ,तो हम बैकअप से उसको फिर से प्राप्त कर सकते हैं। यदि बैकअप किसी ऑप्टिकल माध्यम; जैसे -सीडी या डीवीडी पर लिया जाता हैं ,तो वह अपने आप रीड -ओनली हो जाता हैं और वायरसों से प्रभावित नहीं हो सकता। इसी प्रकार किसी सीडी पर स्टोर किया गया ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर को स्टार्ट करने मे प्रयोग किया जा सकता हैं ,यदि स्थापित ऑपरेटिंग सिस्टम वायरस के कारण भ्र्ष्ट हो गया हो।   

6. लोकप्रिय एंटीवायरस सॉफ्टवेयर (Popular Anti Virus Software)

      मार्केट में बहुत से एंटीवायरस सॉफ्टवेयर उपलब्ध हैं। प्रत्येक सॉफ्टवेयर वायरसों का फुलप्रूफ समाधान करने का दावा करता हैं। परंतु यह दावा स्पष्टतः संदेहजनक हैं ,क्योंकी उनको स्थापित करने और लगातार अपडेट करने पर भी कंप्यूटरों पर वायरसों का आक्रमण हो जाता हैं। नए -नए वायरस भी प्रतिदिन लिखे और फैलाए जाते हैं। फिर भी कुछ एंटीवायरस  सॉफ्टवेयर अन्य से बेहतर हैं और इसलिए लोकप्रिय भी हैं ,क्योकिं वे सिस्टम को अधिकांश वायरसों से बचा सकते हैं।  
कुछ अच्छे एंटीवायरस सॉफ्टवेयर के नाम हैं -
  • नॉर्टन एंटीवायरस (Norton Anti -Virus )  
  • पीसी -क्लिन (PC -Clinn )
  • मैकेफी (McAfee )     
  • नॉर्मन (Norman )
  • विंडोज लाइव (Windows Live )
  • जोनएलार्म (Zone Alarm )
  • डॉ० सोलोमन्स (dr. Soloman 's ) 
ये सभी एंटीवायरस सॉफ्टवेयर व्यपारिक हैं और भुगतान के आधार पर मार्केट में उपलब्ध हैं।  कई एंटीवायरस सॉफ्टवेयरों  के मुफ्त संस्करण भी उपलब्ध हैं , जिनको इंटरनेट पर उनकी वेबसाइटों से डाउनलोड किया जा सकता हैं।          



वायरस के बारे मर और जानकारी दी गयी हैं ,आप ऊपर दिए गए लिंक पर क्लिक  कर सकते हैं।  हमारी पोस्ट पढ़ने के लिए धन्यवाद। .. 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

एम० एस० - एक्सेल ( MS - Excel ) ,चार्ट विजार्ड द्वारा चार्ट बनाना ( Preparing Charts By Chart Wizard )

माइक्रोसॉफ्ट विंडोज क्या हैं (Microsoft Windows),ऑपरेटिंग सिस्टम क्या हैं?(What Is a Operating System )

'सी ' प्रोग्रामिंग भाषा ('C' Programming Language)